Saturday, July 4, 2015
मैगी वाया अदरा का भोजन
अदरा के भोजन पर बैठे थे.....खीर बहुत बढ़िया था....
वैसे जो लोग नहीं जानते उ जान लें कि बरसात के दिनों में एक नक्षत्र
आता है आर्द्रा....उसके रहते भर में किसान लोग उत्सव के रूप में, सुविधा के हिसाब
से, किसी एक दिन को चुनकर.....खास भोजन पकाते और खाते हैं....ये बहुत पुरानी
परंपरा है...और खाने से संबंधित है इसलिए अभी भी चली आ रही है.....हमारे जैसे कुछ
शहरी लोग भी परंपरा के नाम पर पारंपरिक भोजन का आनंद लेने से नहीं चूकते.....भोजन
में होती है खीर...पूड़ी.....कटहल की तरकारी और आम....
तो खीर बढ़िया बनी थr....दाल-भरके पूरी भी बनाई गई थी....सब्जी रसदार
थी....आम तो था ही.....हरी मिर्च का तीखा अचार भी था....आधा खाने के बाद खयाल आया
कि दाल-भरी पूरी में खीर लपेटकर तो खाया ही नहीं....तो खाने लगे और बतियाने
लगे....
‘खीर तो थोड़ा लटपट रहना ही चाहिए’
‘नहीं तो दूध-भात जैसा लगने लगता है’
Wednesday, June 24, 2015
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