अजनबी की पहचान

Friday, May 21, 2010

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झारखंड में विकल्पों की तलाश बेमानी है। किसी नेता में इतना माद्दा नहीं है कि वो खंडित जनादेश के बावजूद अपने लिए विधायकों से सम्मानजनक शर्तों पर समर्थन जुटा सके। व्यक्तिगत महत्वकांक्षाओं से लबरेज हर विधायक अपनी गोटी लाल करना चाहता है। मंत्रीपद से कम का सपना देखना विधायक अपनी हेठी समझते हैं।

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