घोड़ा ढाई घर की चाल चलता है-बीच के मोहरों को लांघकर। घोड़ा मारता तो एक बार में एक ही मोहरा है, मगर डराता एक साथ आठ को है। इसलिए घोड़े की अगली चाल समझ में नहीं आती,भेजा खराब हो जाता है।
नीतीश कुमार शुरू से ढाई घर चलते रहे हैं। लालू इसको थोड़ा दूसरे तरीके से समझाने की कोशिश करते हैं। लालू कहते हैं कि नीतीश के पेट में दांत हैं , यानि जब वो किसी को निवाला बनाते हैं तो कोई तकलीफ नहीं देते , बड़े आराम से निगलते हैं-बिना दांत गड़ाए फिर जब शिकार पेट में चला जाता है तो आराम से चबा जाते हैं।