Tuesday, July 20, 2010
रजमतिया के चिट्ठी
नेट पर मिली है मुझे रजमतिया की चिट्ठी। लगा जैसे पुराने प्रेम पत्रों वाला टिन का वो डब्बा मिल गया,जिसे पता नहीं कहां रखकर मैं भूल गया और जब याद आया तो ये भूल गया कि कहां रखा था। 'रजमतिया के चिट्ठी' एक भोजपुरी लोकगीत है। इसमें मुझे पूर्वांचल का रेखाचित्र दिखाई देता है, इसमें किसान के मजदूर में तब्दील होने की कहानी है। इसके बावजूद उसे और उसके परिवार को सिर्फ जीने भर की छूट मिली है। गरीबी की वजह से बेनूर लेकिन मर्यादा की वजह से गंभीर जिन्दगी ट्रेजेडी में कॉमेडी खोजती दिखाई देती है।
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