झारखंड ने संसद के आम चुनाव में नरेद्र मोदी के विजय अभियान को
बढ़-चढ़कर समर्थन दिया. क्या सिर्फ इसीलिए मान लेना सही होगा कि विधानसभा चुनाव
में बीजेपी पूर्ण बहुमत प्राप्त करेगी. रांची के कार्यकर्ता सम्मेलन में राष्ट्रीय
अध्यक्ष अमित शाह के भाषण का लब्बो-लुवाब तो यही है. शाह ने झारखंड की जनता से दो
तिहाई बहुमत या कम से कम पूर्ण बहुमत देने की उम्मीद की है. यह उम्मीद अकेले शाह
की नहीं लेकिन चुनाव दर चुनाव जीत का रेकार्ड सुधारते आ रहे शाह से ज्यादा कौन यह
समझ सकता है कि हर चुनाव अलग होता है. फिर भी अगर पूरी उम्मीद के साथ वह
कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि दो तिहाई बहुमत भी हासिल किया जा सकता है तो उनकी
बात को गंभीरता से लेना पड़ेगा, क्योंकि अमित शाह के नाम चुनाव लड़ने और जीतने का
रेकार्ड विस्मयकारी है. फिर भी सवाल उठता है कि आखिर किन वजहों से अमित शाह को
इतना भरोसा है.