
राष्ट्रपति शासन, छे महीने पूरा होने से पहले एक बार फिर से राष्ट्रपति शासन। और बीच के महीनों में इस गैप का पूरा फायदा उठाने की कोशिश। ये राष्ट्रपति शासन एक गैप ही तो है- झारखंड के साढ़े तीन करोड़ लोगों के सपनों और उन सपनों को हासलि करने के लिए की गई कोशिश के बीच। ज़रा सोचिए - हम और आप झारखंड को उस मुकाम पर ले जाने के लिए क्या कर रहे हैं। क्या हम इसपर और उसपर सारी जिम्मेदारी फेंककर भाग नहीं रहे हैं।