फेसबुक पर बिहार के विकास पर पोस्ट और टिप्पणियों के माध्यम से चर्चा के दौरान मिली एक टिप्पणी BIHAR MATLAB BIMAR, KARM AUR SOCH DONO SE, A STATE WHICH IS CANCER FOR THE COUNTRY.
लोकतंत्र है, अभिव्यक्ति की आज़ादी है। आजादी और उदंडता के बीच बड़ी बारीक सी विभाजन रेखा है, कभी -कभी लोग सीमा पार कर जाते हैं। लेकिन बिहार के प्रति इतनी कड़वाहट क्यों है ? यहां बहस का मुद्दा ये था कि नीतीश कुमार ने 'ऊंट के मुंह में जीरा' बराबर भी काम किया है या नहीं। बहस करनेवाले ज्यादातर लोग पत्रकार थे। नीतीश कुमार ने कुछ नहीं किया ये साबित करने के लिए पूरे राज्य को कोसना, कैंसर तक कह देना - आखिर इस मानसिकता के पीछे क्या है? बिहारियों के खिलाफ, ये एक तरह से 'पेटी के नीचे का प्रहार'( hitting below the belt) है। इसलिए बिहारी भड़क जाता है। क्या करे, या तो अपमान का कड़वा घूंट पी ले या फिर जुट जाए जूतम-पैजार(जुबानी या जिस्मानी) में। और असल बात पर किसी का ध्यान नहीं जाता।